Thursday 11 January 2018

क्या आप इस आधुनिक GPS के बारे में जानते है ??

हम आपकी क्षमता के अनुसार आपको रास्ता बताएँगे 
आज के प्रतिस्पर्धा के इस दौर में प्रत्येक माँ बाप का यह 
स्वपन होता हैं कि उनका बच्चा बुद्धिमान हो,
उच्च अभ्यास करने वाला हो और समाज में उच्च स्तर 
प्राप्त करने वाला बने। यह बच्चा क्या 
अभ्यास करेगा, उसका भविष्य कैसा होगा आदि जानकारी
 के प्रति ज्यादा उत्सुकता रहती है, 
और अगर यह जानकारी बच्चे कि बाल्यावस्था में या 
अभ्यास के महत्वपूर्ण पड़ाव के पहले मिल 
जाये तो माँ बाप इस बहुमूल्य जानकारी का सही उपयोग 
करके अपने बच्चे को सही मार्गदर्शन, 
प्रोत्साहन एवं योग्य क्षेत्र में शिक्षा दिलाने का अच्छा प्रबंध करके उनके श्रेष्ठ भविष्य निर्माण में 
सहयोग कर सकते हैं
मित्रो आजतक पुरे विश्व में सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली व्यक्तित्व बिहार से ही हुवे है और निरंतर हमारे बिहार के बच्चे हर क्षेत्र में बिहार का नाम रौशन कर रहे है, परन्तु यह संतोषजनक नही है क्योंकि हजारो युवा अपने जीवन में उचित लक्ष्य प्राप्त करने में असफल रहते है , और उसका कारण है सही समय पर बच्चो को उचित मार्गदर्शन नही मिल पाना, बच्चे अपनी क्षमता के अनुसार करियर नही बना पाते जिसका नतीजा उन्हें जीवन भर किसी ऐसे कार्य को करते हुवे बिताना पड़ता है जिसमे उनका कोई रूचि ही नही है I आज विज्ञान के ज़माने में जापान की DMIT टेस्ट पद्धति  बच्चो के लिए GPS(ग्लोवल पोजिशनिंग सिस्टम) का काम करती है, इसके मदद से बच्चे अपने क्षमतानुसार अपने करियर का चुनाव कर आसानी से अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते है I आपसे अनुरोध है की इस साल के बजट में बिहार के हर माध्यमिक विद्यालय के लिए कम से कम एक काउंसलर की नियुक्ति की जाए जो की इस वैज्ञानिक पद्धति के मदद से बच्चो को उनके जीवन का  सर्वश्रेष्ठ उपहार प्रदान करे I
पिछले कई सालों से इस प्रकार का मार्गदर्शन ज्योतिषशास्त्र की विभिन्न विधियों से किया जाता है
 लेकिन इस विधि में एक सामान रूपता नहीं पायी जाती है I इसलिए इस विधि में पूर्णतया विश्वास 
करना थोडा कठिन होता है। परन्तु अब इस महान वैज्ञानिक विधि से फिंगर प्रिंट के माध्यम से बहुत 
ही आसानी से, पूर्णतया सटीक मार्गदर्शन मिल सकता है। 
इसे ही Dermatoglyphics Multiple Intelligences Test (D.M.I.T) कहा जाता है।
इस वैज्ञानिक परिक्षण से किसी भी व्यक्ति की विभिन्न प्रकार की बुद्धि की जानकारी प्राप्त करके, उसमें क्या अच्छाईयाँ व् कमियां हैं, उसका स्वभाव, व्यवहार, पठन की रूचि, याद करने की क्षमता आदि कई पह्लुयों को जाना जा सकता है। इस जानकारी का उपयोग करके अपने बच्चे के लक्ष्य प्राप्ति में उपयुक्त कार्यवाही कर सकते हैं।


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