Saturday 31 March 2018

आपकी लापरवाही और जिद आपके बच्चे के भविष्य को बर्बाद कर सकती है, अगर आप एक सचेत माता पिता है तो जरुर पढ़े...

मनुष्य स्वयं में एक बेशकीमती संपदा है, एक ऐसा अमूल्य संसाधन है जिसको दुनिया के किसी भी बेशकीमती चीज से बराबरी नही कर सकते, बस जरूरत इस बात की है कि उस(मानव) अमूल्य संपदा की परवरिश सही दिशा में हो, गतिशील एवं संवेदनशील हो और साथ ही परवरिस के दौरान ख़ास सावधानी बरती जाये। व्यक्ति जन्म लेता है तो वह एक खाली डब्बा मात्र है, हम उसमे जो भरेंगे,उसी अनुसार वो व्यक्ति बेशकीमती/कबाड़ा होगा, अब हमे ये फैसला करना है की हम अपने बच्चे को बेशकीमती बनाना चाहते है या कबाड़ा?
हर इंसान का अपना एक विशिष्ट व्यक्तित्व होता है, जन्म से मृत्युपर्यन्त, जिन्दगी के हर मुकाम पर उसकी अपनी समस्याएं और जरूरतें होती हैं। विकास की इस पेचीदा और गतिशील प्रक्रिया में शिक्षा अपना उत्प्रेरक योगदान दे सकें, इसके लिए बहुत सावधानी से योजना बनाने और उस पर पूरी लगन के साथ अमल करने की आवश्यकता है। बच्चो को पढाई प्रारम्भ करने से पूर्व ये पता होना चाहिए की वो क्या पढ़ रहा है, और क्यों पढ़ रहा है? इस पढ़ाई का उपयोग वो जीवन के किस हिस्से में कर पायेगा I अगर आप अपने बच्चो को अच्छी नौकरी पाने के लिए मन लगाकर पढने को बोलते है, तो आप बच्चे के साथ अन्याय कर रहे है I जिस बच्चे को ये पता ही नही है की उसे किस क्षेत्र में नौकरी करनी है, तो फिर वो किस विषय में मन लगाकर पढ़े ??
अब हमारे पाठ्यक्रम में दशवी तक सभी विषये पढाई जाती है, तो ऐसे में बच्चे किस विषय पर अत्यधिक ध्यान दे ?? अगर आप कहेंगे की हर विषय पर बराबर ध्यान दे तो आपकी ये गलती आपके बच्चे के उज्ज्वल भविष्य को बर्बाद कर देगा I अपने बच्चे के कमजोर क्षेत्र को लेकर चिंतित होने से बेहतर है अपने बच्चे के मजबूत क्षेत्र की पहचान कर खुश रहे I इसलिए अगर आप एक सचेत माता-पिता है तो आज ही अपने बच्चे के उस विशिष्ट क्षेत्र की पहचान करे, जिसमे में उसे अत्यधिक ध्यान देना है I अपने बच्चे की छुपी हुई प्रतिभा को वैज्ञानिक पद्धति से उजागर करने के लिए अभी संपर्क करे 9471818604, 9711139259

Tuesday 6 March 2018

अगर आपको आगे बढ़ना है तो हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखना होगा...

आज के प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में आगे बढ़ने के लिए जरुरी है प्रतिदिन कुछ ना कुछ सीखते रहना, अगर आपको जीतना है तो आपको सीखते रहना होगा, क्योंकि सीखना बंद तो जीतना बंद, अब फैसला आपको करना है I
हर इन्सान जीवन में कोई भी नई चीज दो तरीके से सीखता है, पहला किसी काम को प्रैक्टिकल करके, और दूसरा उस काम के एक्सपर्ट से समझ के, अब अधिकतर लोग पहले वाले तरीके से सिखने की कोशिश करते है, यानी की वो बिना किसी एक्सपर्ट के खुद से सीखना चाहते है, और इसमें वर्षो बीत जाते है उनको सीखते हुवे,फिर भी वो पूरी तरह नही एक्सपर्ट नही बन पाते, और अंत में सीखना ही बंद कर देते है, वही बुद्धिमान लोग एक्सपर्ट की राय लेकर उसी चीज को जल्दी से समझकर उसका फायदा अपने करियर में उठाते है I अब फिर फैसला आपको करना है, खुद से सीखना है या एक्सपर्ट से समझना है ?
अब तक कहा जाता था की "जहाँ न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवी" हमने इसमें एक लाइन और जोड़ दिया है, "जहाँ न पहुंचे कवि, वहां पहुंचे अनुभवी"

इसलिए आइये और हमारे अनुभवी एक्सपर्ट से नि:शुल्क परामर्श के लिए अभी कॉल करे 9871949259,9471818604,9971543314चित्र में ये शामिल हो सकता है: एक या अधिक लोगकोई भी स्वचालित वैकल्पिक पाठ उपलब्ध नहीं है.