Thursday 12 April 2018

सफलता प्राप्त करना हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि हमारा अधिकार भी है- राजेश अग्रवाल

अपने जीवन  में सफलता प्राप्त करना हमारी जिम्मेदारी ही
नहीं बल्कि हमारा अधिकार भी है।

आज दुनिया में सफल और असफल लोगो में जो सबसे बड़ा अंतर है, वो है उनकी सोच का, कोई भी व्यकित अपने शारीरिक विकलांगता से उतना कमजोर नही हो सकता, जितना की वो अपनी मानसिक विकलांगता से कमजोर हो जाता है I  दुनिया के शीर्ष व्यावसयिक हस्तियों के विचार-प्रकिया/सोचने के तरीको के बारे में श्री राजेश अग्रवाल जी कहते है:-  मैं  उन 1%  व्यावसयिक हस्तियों की मानसिकता पर विचार कर रहा था। ये 1% लोग ऐसे सभी काम आसानी से बिना सकुचाये करते हैं, जिसके बारे में ये 99%  लोग सोच भी नही पाते है, या फिर उस काम से नफरत करते हैं I आज की सबसे बड़ी समस्या ये है की ये  99% अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलना ही नही निकलना चाहते है, इनको बस 10 से 6 बजे तक काम करने की आदत हो जाती है, अगर कभी इनको 6 बजे के बाद काम करने को कहा जाए तो ये ऐसे व्यवहार करेंगे जैसे आपने इनसे इनका किडनी मांग लिया हो, मित्रो आपकी सफलता आपके समर्पण पर निर्भर करती है I अगर आप किसी कार्य के प्रति समर्पित नही हो सकते तो आपको सफलता के सपने देखना बंद कर देना चाहिए I इतिहास गवाह है हर सफल व्यक्ति के सफलता का राज उसका अपने व्यवसाय के प्रति समर्पण हैI ये जो 99 लोग होते है, ये भीड़ का हिस्सा बने रहना पसंद करते है I मित्रो अगर आप भीड़ का हिस्सा बनते है तो आपको काम तो मिल जाएगा, लेकिन आपकी पहचान छीन जायेगी, इसलिए फैसला तुरंत करे की आपको भीड़ का हिस्सा बने रहना है, या फिर अपनी अलग पहचान बनानी है I ये 99 लोग अपने कार्य क्षेत्र से निकलते ही अपने दिमाग से सोचना बंद कर देते है,इनको नए लोगो से मिलना पसंद नही होता है, जबकि दुसरे तरफ 1 % लोग सोते हुए भी आगे की योजना के बारे में सोच कर सोते है, और सुबह उठते ही उस योजना को क्रियान्वित करने की दिशा में कार्य करते है I ये ऐसी जगह जाना पसंद करते है जहाँ बांकी के 99% कभी जाना पसंद नही करते, ऐसे लोगो की सबसे बड़ी खासियत होती है की ये जितना सोचते है उतना ही अपने सोच को क्रियान्वित भी करते है, और यही इनकी सफलता का राज है I ये 1% लोग हमेशा यही सोचते है की जीवन जितना बहुमूल्य है उतना ही अल्प है, अतः इसे सही दिशा में सही योजना के साथ व्यतीत करते है I वे विचारक की स्थिति में कम हैं, और अधिक कार्यवाही करते हैं। उन्हें पता है कि सफलता के लिए केवल एक ही जीवन है, इसलिए वे किसी भी सीमा में नही बंधते है I अब आप ये तय करले की आप कौन से समूह में है या रहना पसंद करते है I

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