Sunday 1 April 2018

सफल जीवन की कामना तो सभी करते है, पर कितने लोग सफल हो पाते है, आइये जानते है श्री राजेश अग्रवाल जी से


मोटिवेशनल स्पीकर और लाइफ कोच श्री राजेश अग्रवाल जी कहते है की जीवन में लक्ष्य दो प्रकार के होते है-: लक्ष्यों को जीवित करना, और लक्ष्य को पुनर्जीवित करना।    दैनिक जीवन के लिए भोजन प्राप्त करने में व्यस्त रहना जीवित लक्ष्य कहा जाता है, वही दैनिक जीवन से परे हटकर कुछ अलग सोचना और उसको प्राप्त करने के लिए मेहनत करना  लक्ष्य को पुनर्जीवित करना कहलाता है । विद्यार्थी जीवन में हर किसी का कुछ न कुछ लक्ष्य होता है, पर ये बहुत ही दु:खद है की 95% लोग विदार्थी जीवन के दौरान उचित मार्गदर्शन के अभाव में आगे चलकर दाल-रोटी तक में ही सिमित रह जाते है I उनको अपने सपनो के बारे में सोचने का वक्त तो होता है पर वो सोचना ही नही चाहते है। ऐसे  लोगो की हमेशा यही शिकायत रहती है, की ऑफिस के कार्यो में इतना व्यस्त हूँ की ये सब सोचने के लिए समय ही नही बचता, और फिर ये  नौकरी करते हुऐ रिटायर हो जाना ही अपने जीवन का लक्ष्य समझ लेते है । ऐसे लोगो के लिए हमारी सहानुभूति है I हम इस दुनिया के हर व्यक्ति को आर्थिक व मानसिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है I इस प्रकृति ने सबको एक समान प्रतिभा तो नही दिया है, लेकिन सबको एक सामन अवसर जरुर दिया है अपने सपनो को साकार करने के लिए I
आज के प्रतिस्पर्धात्मक जमाने मे दो तरह के लोग होते है, पहले वो जिनके खुद के सपने होते है, और वो अपने सपने को पूरा करने के लिए कुछ भी कर गुजर जाते है, और दुसरे वे जिनके खुद के कोई सपने नही होते और वो दुसरे के सपनो को पूरा करते करते गुजर जाते है। एक अनुसन्धान के अनुसार सिर्फ 5% लोग अपने सपनो को पूरा करने के लिए दुनिया के 95% लोगो को इस्तेमाल करे रहे है, क्योंकि इन 95% लोगो के खुद के कोई सपने नही है, और अगर है भी तो उसको पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध नही है । 
मित्रो अगर आप अपने लक्ष्यों को पुनर्जीवित करना चाहते है तो सबसे पहले अपने सभी सपनों की एक सूची बनाये जो आप अगले 5-10 वर्षों में प्राप्त करना चाहते हैं, यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है की आपके सपने आपके क्षमतानुसार/वास्तविक ही होना चाहिए I अब आप प्रत्येक दिन अपने लिस्ट को देखकर ये निश्चित करते चले की आप अभी भी अपने सपनो के रास्तो पर है, अगर अपने सपनो को पूरा करने में कठिनाई हो रही हो तो अपने तरीके बदले, इरादे नही I इतिहास गवाह है की दुनिया में वही लोग सफल हो पाते है जो अपने सपनो को पूरा करने हेतु एक निश्चित समाय सीमा निर्धारित करते है, अगर आपने सपनो का लिस्ट तो बना लिया, और अपने तरीके नही बदले, तो आपको सफल होने में बहुत वक्त लग सकता है, और ऐसा भी हो सकता है की आप कभी सफल ही ना हो पाए, इसलिए ये बेहद जरुरी है की हमे अपने कमजोरियों और मजबूतियो के बारे में जानकारी हो I हर इन्सान की कोई ना कोई कमजोरी/मजबूती होती है, अक्सर हम अपने कमजोरियों से अनजान होते है और एक ही गलतियों को बार बार दुहराते है,अगर आप एक बार अपनी कमजोरियों को पहचान ले तो आपकी सफलता की यात्रा और आसन हो जायेगी I इस आधुनिक युग में अब ऐसे तकनीक भी मौजूद है जो आपकी मानसिक क्षमता और प्रतिभा के साथ साथ आपकी कमजोर/मजबूत क्षेत्र को उजागर करता है, तो अब देर किस बात की, अभी कॉल करे 9471818604, और अपने कमजोर/मजबूत क्षेत्र के साथ साथ अपनी छुपी हुई प्रतिभा को उजागर करे I अमेरिका, जापान, चीन, कोरिया समेत विश्व के कई देश इस आधुनिक विज्ञान की मदद से अपने छात्रो के क्षमता का सही जगह पूरा पूरा उपयोग कर रहे है I
ये लेख पढने के बाद मुझे आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास है की आप भी अब अपने सपनों की एक सूचि बनायेंगे और अपने छुपी हुई प्रतिभा और कमजोरियों को उजागर करने हेतु आगे आयेंगेI
आपको मेरी तरफ से और राजेश सर के तरफ से अग्रिम शुभकामनाये, अगर आपको ये लेख अच्छा लगा तो अपने उन मित्रो से भी शेयर करे जिन्हें आप वास्तव में सफल होते देखना चाहते है I

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