आज के प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में आगे बढ़ने के लिए जरुरी है प्रतिदिन कुछ ना कुछ सीखते रहना, अगर आपको जीतना है तो आपको सीखते रहना होगा, क्योंकि सीखना बंद तो जीतना बंद, अब फैसला आपको करना है I
हर इन्सान जीवन में कोई भी नई चीज दो तरीके से सीखता है, पहला किसी काम को प्रैक्टिकल करके, और दूसरा उस काम के एक्सपर्ट से समझ के, अब अधिकतर लोग पहले वाले तरीके से सिखने की कोशिश करते है, यानी की वो बिना किसी एक्सपर्ट के खुद से सीखना चाहते है, और इसमें वर्षो बीत जाते है उनको सीखते हुवे,फिर भी वो पूरी तरह नही एक्सपर्ट नही बन पाते, और अंत में सीखना ही बंद कर देते है, वही बुद्धिमान लोग एक्सपर्ट की राय लेकर उसी चीज को जल्दी से समझकर उसका फायदा अपने करियर में उठाते है I अब फिर फैसला आपको करना है, खुद से सीखना है या एक्सपर्ट से समझना है ?
अब तक कहा जाता था की "जहाँ न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवी" हमने इसमें एक लाइन और जोड़ दिया है, "जहाँ न पहुंचे कवि, वहां पहुंचे अनुभवी"
हर इन्सान जीवन में कोई भी नई चीज दो तरीके से सीखता है, पहला किसी काम को प्रैक्टिकल करके, और दूसरा उस काम के एक्सपर्ट से समझ के, अब अधिकतर लोग पहले वाले तरीके से सिखने की कोशिश करते है, यानी की वो बिना किसी एक्सपर्ट के खुद से सीखना चाहते है, और इसमें वर्षो बीत जाते है उनको सीखते हुवे,फिर भी वो पूरी तरह नही एक्सपर्ट नही बन पाते, और अंत में सीखना ही बंद कर देते है, वही बुद्धिमान लोग एक्सपर्ट की राय लेकर उसी चीज को जल्दी से समझकर उसका फायदा अपने करियर में उठाते है I अब फिर फैसला आपको करना है, खुद से सीखना है या एक्सपर्ट से समझना है ?
अब तक कहा जाता था की "जहाँ न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवी" हमने इसमें एक लाइन और जोड़ दिया है, "जहाँ न पहुंचे कवि, वहां पहुंचे अनुभवी"
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