Monday 22 May 2017

क्या आप शिक्षा के गिरते स्तर से अवगत है ???

आज शिक्षा शब्द ने अपने अंदर का अर्थ इस कदर खो दिया है कि आज न उसके अंदर का संस्कार जिंदा है और न व्यवहार। शिक्षा अपने समूचे स्वरूप में अराजकता, अव्यवस्था, अनैतिकता और कल्पना हीनता का पर्याय बन गई है। शिक्षा के जरिये अब न आचरण आ रहा न चरित्र, न मानवीय मूल्य, न नागरिक संस्कार, न राष्ट्रीय दायित्व एवं कर्तव्य बोध और न ही अधिकारों के प्रति चेतना। आज प्रत्येक वर्ग में शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता जताई जा रही है। शिक्षा के गिरते स्तर पर लंबी-लंबी बहसे होती है। और अंत में उसके लिए शिक्षक को दोषी करार दिया जाता है। जो शिक्षक स्वयं उस शिक्षा का उत्पादन है और जहाँ तक संभव हो रहा है मूल्यों, आदर्शों व सामाजिक उत्तर दायित्व के बोध को छात्रों में बनाये रखने का प्रयत्न कर रहा है, तमाम राजनीतिक दबावों के बावजूद।

अब हम और इन्तजार नही कर सकते की कोई आएगा और जादू की छड़ी घुमा के शिक्षण प्रणाली को एकदम से बदल देगा I मित्रो शिक्षा से पूरी की पूरी नस्ल तैयार होती है,और एक नस्ल तैयार होने में लगभग 200 वर्ष लगते है, तो अगर हम अभी शिक्षण प्रणाली को बदलने से चुक गये तो दुबारा इसे बदल पाना नामुमकिन होगा I अतः आप सभी से निवेदन है की आइये हम साथ मिलकर शिक्षा के गिरते स्तर को रोके और शिक्षण प्रणाली में बदलाव लाये I


हमारे साथ जुड़ने के लिए संपर्क करे 9871949259,9471818604
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