Saturday 15 April 2017

बच्चे आत्महत्या क्यों करते है ??

आजकल बच्चो में जिस तरह से स्ट्रेस लेवल बढ़ता जा रहा है, वास्तव में यह बहुत ही चिंता का विषय है, बच्चे देश के भविष्य है, हमारे परिवार के भविष्य है और वो ही अपने आप को नही समझ पाते, अपनी क्षमताओ का आकलन नही कर पाते और लगातार अवसाद में जी रहे होते है I हम बच्चो के उच्च स्तर के रहन-सहन बढ़िया खान-पान कुल मिलकर अच्छी परिवरिश करने की नाकाम कोशिश करते है I हमे ये लगता है की अगर हम अपने बच्चो की सभी जरूरतों को पूरा करदे तो हमारे कर्तव्यो की इतिश्री समझने लगते है,उनको लगता है की हम खुद कष्ट झेले पर बच्चो को ना झेलने दे और बच्चो के उज्जवल भविष्य के लिए उसे बढ़िया से बढ़िया संसथान में शिक्षा के लिए भेज देते है I हम अपने बच्चो के मानसिक स्तर को जानने की जरुरत ही नही समझते, उनपर लगातार अच्छे नम्बर और अच्छी नौकरी के लिए दवाव बनाते है, और हमे लगता है की हम ये सब बच्चो के लिए ही कर रहे है I एक सरकारी आकंड़ो के मुताबिक लगभग 8,00,000(आठ लाख) हर वर्ष पूरी दुनिया में आत्महत्या करते है,जिसमे अकेले भारत से 17% यानी 1,36,000(एक लाख छतीस हजार) लोग आत्महत्या करते है ,बात यही ख़त्म नही होती,पुरे देश में लगभग 20,000 (बीस हजार) बच्चे (८-२२ वर्ष तक के) प्रतिवर्ष सिर्फ अपने पढाई को लेकर अवसादग्रसित होकर आत्महत्या करते है I हमारे समाज में लोग तब तक किसी गंभीर समस्या पर विचार नही करते जब तक की उनका खुद का कोई नुक्सान ना हो जाए, यह बहुत बड़ी विडंबना है हमारे समाज में, इस समस्या का समाधान बहुत ही सरल है और इसके लिए हमारा सुझाव है अभी स्कुलो और आँगनवाड़ी केन्द्रों में खिचड़ी खिलाने की बजाय बच्चो को उन्हें खुद को समझने के लिए सेमीनार का आयोजन किया जाए I हमलोग BhagyaShila Mind Academy के साथ मिलकर लोगो/बच्चो को उनकी असली जन्मजात क्षमता और मानसिक स्तर का मुल्यांकन कर उनको अपने जीवन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने हेतु मार्गदर्शन करते है I हमारा एक ही लक्ष्य है और वो है भारतवर्ष के मासूम कलियों को खिलने से पहले मुरझाने से रोकना अगर आप भी इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहते है तो आज ही संपर्क करे 9871949259,9971543314,9899415067,9471818604
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